BED Vs DELED : बीएड के साथ प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर निकलने वाले चयनितों की नियुक्तियां भी रद्द हो जाएंगी।

बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया जाता है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि बीएड वालों को छोड़कर छह महीने के भीतर बहाली प्रक्रिया पूरी करें।

B.Ed. डिग्रीधारी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बार-बार झटका लगता है. हाल ही में, हाईकोर्ट ने B.Ed. डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने बीएड शिक्षकों को नौकरी से हटाकर छह महीने के भीतर बहाली प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. केवल डीएलएड को मेरिट के आधार पर प्राइमरी शिक्षक भर्ती में नियुक्त किया जाएगा।

BED Vs DELED

चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने डीएलएड अभ्यर्थियों की उच्च याचिका पर निर्णय दिया है. याचिका कर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2023 के फैसले को आधार बनाते हुए प्राइमरी शिक्षक भर्ती में बीएड वालों के चयन को असवैधानिक ठहराया और इसे हटाने की मांग की।

डीएलएड अभ्यर्थियों की याचिका में कहा गया है कि बीएड कोर्स बड़ी कक्षाओं को पढ़ाने की ट्रेनिंग देता है, जबकि डीएलएड कोर्स प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग देता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए राज्य शासन ने छोटी कक्षाओं में शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किया है।

इसमें सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल डीएलएड, यानी बीएसटीसी डिप्लोमा धारा, प्राइमरी स्कूल में पढ़ने के लिए पात्र होंगे। पीठ ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की एक गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य होना चाहिए। एनसीटीई की इस सूचना में कहा गया है कि लेवल-1 बीएड डिग्रीधारी को नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।

4 मई 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भारती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. 10 जून को परीक्षा हुई जिसमे बीएड और डीएलएड के दोनों अभ्यर्थी शामिल थे, इसलिए यह निर्णय लिया गया। यदि आप भी बीएड, बीएसटीसी या डीएलएड धारक हैं, तो आप हमारे WhatsApp चैनल से जुड़ सकते हैं।